वेरीकोज वेन का 5 बेस्ट आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि: Varicose Veins ka Ayurvedic Upchar Patanjali

महिलाओं के पैरों में वेरीकोज के आयुर्वेदिक देसी नुस्खे

वेरीकोज वेन का आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि
वेरीकोज वेन का आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि


क्या आप सब को पता हैं वेरीकोज वेन का आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि की जडी बुटीयो की मदत से किया जा सकता हैं? इस स्थिती का उपचार करने के लिए पैर की ब्लॉक नसों को खोलने का उपाय को जरूर आज़माएँ। आज के समय में बहुत से लोग पैर में दर्द की समस्या से झुंज रहे हैं, ज्यादातर वयस्क लोग इस तक्लिफ का शिकार होते हैं। पैर में तक्लिफ के बहुत से कारण होते हैं, और बहुत सी चूप हुई बिमारिया होती हैं जिसके चलते आपको तक्लिफ का सामना करना पडता हैं। वेरिकोज वेन भी इन्ही समस्याओ में से एक हैं, यह समस्या होना आम बात हैं। आम तौर पर यह समस्या 30+ से लेकर 60 साल तक के लोगो को होती हैं। यह बिमारी पैर की नसो पर असर करती हैं जिससे बहुत दर्द होता हैं, इस लिए आज हमने आपके लिए Varicose Veins ka Ayurvedic Upchar Patanjali का एक ब्लॉग पोस्ट लिखा हैं, जो आपको मदत करेगा।


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वेरीकोसील का आयुर्वेदिक उपचार: वैरीकोसेल का जड़ से इलाज


1. वेरीकोज वेन के लिए चिरबिल्वा के फायदे

वेरीकोज वेन का आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि
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यह जडी बुटी हिंदुस्थान के एल्म पेड से ली गई हैं, पेड की छाल और पत्तीयो का उपयोग वेरिकोज नसो और त्रिदोष से संबंधित अन्य बिमारोयों को ठीक करने के लिए एक दावा वेरीकोज वेन का आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि के रुप में किया जाता हैं। चिलराबिल्व प्राकृतिक रक्त शोधक हैं जिसे औषधी के रुप में त्वचा पर लगाने के साथ खाने में भी उपयोग किया जा सकता हैं। यह जडी बुटी प्रभावित हिस्से और नसो को संतुलन प्रदान करती हैं।


निचले पैरो में रक्त के थक्को को ठीक करने के लिए छाल के काढे का सेवन करने लिए भी इस आयुर्वेदिक दवा उपयोग किया जाता हैं। यह रंग के खराब होने को कम करता हैं और वेरिकोज नसो को ठीक करता हैं, इसका पेस्ट बनाने के लिए छाल के अर्क और पत्तीयो को एक साथ अच्छी तरह से मिलाये और फिर इसे प्रभावित त्वचा पर लगाये।


2. वेरीकोज वेन के लिए सारिवा के फायदे

Varicose Veins ka Ayurvedic Upchar Patanjali
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सारिवा की जडे वेरिकोज वेन्स के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं, यह जडे पैधो के योगिको से ढकी होती हैं जो रंगत निखारने और नासिक में दर्द से राहत दिलाने का गुण रखती हैं। इस नस की समस्या के उपाय के लिए निकाली गई जडो को अपने प्रभावित जगह पर पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा या मलहम की तरह इस्तेमाल किया जाता हैं। सारिवा जडो में रक्त- शुद्धीकारण गुण होते हैं जो विशाक्त पदार्थो को खत्म करने में मदतगार साबित होते हैं, और शरीर में रक्त के परिसंचरण को नियंत्रित करते हैं।


3. वेरीकोज वेन के लिए मंजिष्ठा के फायदे

वेरीकोज वेन का आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि
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यह महिलाओं के पैरों में वेरीकोज के आयुर्वेदिक देसी नुस्खे भी एक प्रकार की आयुर्वेदिक जडी बुटी हैं जिसका उपयोग वेरिकोज वेन्स के उपचार में औषधी के रुप में किया जाता हैं। हिंदुस्थान में उगाई जाने वाली मंजिष्ठा में उच्च सुजनरोधी गुण होते हैं जो निचले पैरो में सुजन को कम करने और वेरिकोज नसो की स्तिथी में सुधार करने में मदत करते हैं।


यह जडी बुटी पित्त दोष यानी की रक्त में मौजुद अशुद्धियों को संतुलित करने और परीसंचरण में सुधार करने में फायदेमंद हैं। यह वेरिकोज वेन्स के इलाज के लिए बहुत ही फायदेमंद और सुरक्षित आयुर्वेदिक फॉर्मुला हैं, और इसका किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं हैं, और यह घायल नसो और रक्त वाहिकाओ को ठीक करता हैं। यह वेरिकोज वेन त्वचा से दाग-धब्बे हटाता हैं।


4. वेरीकोज वेन के लिए गोटू कोला के फायदे

Varicose Veins ka Ayurvedic Upchar Patanjali
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यह एक बेहद फायदेमंद पतंजलि की जडी बुटी हैं जिसके कई सकारात्मक पफायदे हैं और इसका उपयोग विभिन्न उपचार विकल्पो में किया जाता हैं। गोटू कोला जिसे एशियटीक पेनीवोर्ट भी कहा जाता हैं, आयरण और खनिजो से भरा होता हैं। जो लाल रक्त कोशिका संश्लेषण में फायदेमंद होते हैं, यह शरीर में परिवहन व्यवस्था में भी मददगार साबित होता हैं, और शरीर से प्लाक को खत्म करता हैं।


गोटू कोला एक जडी बुटी हैं जिसे इसके प्रभाव को बढाने के लिए जूस या किसी हर्बल पेय के साथ लिया जा सकता हैं। यह शरीर में रक्ताचाप को सामान्य बनाये रखने में मदतगार हैं और परिसंचरण को बढाता हैं। गोटू काला पत्ती के रस का हर्बल मिश्रण पिणे से कॉलेजन और इलास्टिक उत्पादन में काफी सुधार हो सकता हैं। ऐसा गोटू कोला में मौजुद बडी मात्रा में ट्राइटरपेनॉइड एंटीऑक्सिडेंट के कारण होता हैं, जो रक्त वाहिका क्षती और नसो को आंतरिक सरचना को हल करने मदत करता हैं।


5. वेरीकोज वेन के लिए एरंडा के फायदे

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यह एक रायसीन आधारित बायोएक्टिव योगिक हैं जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार और टीचर के उपयोग में भी किया जाता हैं। एरंडा के तेल से बना होता हैं, जो सुजन को कम करने और रक्त के थक्को को आराम देणे के लिए जाना जाता हैं। चोट लगणे और टीचर से जुडी अन्य समस्याओ में भी अरंडी का उपयोग किया जाता हैं।


यह वेरिकोज नसो का इलाज करने और इससे बनने वाले काले धब्बो को दूर करने के लिए एक हर्बल तरिका हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए अरंडी का तेल लगाकर प्रभावित नसो वाली जगह पर धीरे धीरे मालिश करे, ऐसा कुछ मिनटं तक गोलाकार गती में रगडे और फिर इसे छोड दे क्यूकी यह त्वचा में समा जायेगा और आपको जल्द ही राहत मिलेगी।

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